हिन्दू धर्म में यमराज को मृत्यु का देवता हैं माना जाता हैं।
यमराज के माता पिता का नाम :-
यमराज के पिता का नाम भगवान सूर्य है और माता का नाम संज्ञा है यमराज के नाना का नाम विश्वकर्मा है यमराज की बहन का नाम यमुना है
यमराज की जन्म कथा :-
जब संज्ञा की शादी सूर्य देव से हुई तो संज्ञा ने भय के वसीभूत होकर आंखे बंद कर ली उनके ईस व्यवहार के कारण सूर्य देव क्रोधित हो गए और संज्ञा को श्राप दिया कि तुम्हारा पुत्र लोगो का प्राण हरने वाला होगा और तुम्हारी पुत्री चंचल स्वभाव के कारण नदी के रूप में बहती रहेगी
कुछ दिनों बाद संज्ञा के दो जुड़वा बच्चे हुए जिनमे एक यम ओर दूसरी यमी जिन्हें कालांतर में यमुना के नाम से जाना जाने लगा
हिंदू धर्म के मानने वालों का विश्वास है कि मरने के बाद इंसान कि आत्मा यमराज के पास जाती हैं और यमराज ही उनके कर्मों के अनुसार उनको स्वर्ग और नरक में स्थान देते है ओर वो धर्म के साथ करते है इसलिए उन्हें धर्मराज भी कहा जाता हैं
यमराज की मौत कैसे हुई थी :-
अब प्रश्न ये उठता है कि क्या यमराज की भी मौत हुई थी तो उसका उत्तर एक पौराणिक कथा में छुपा है
कथा क्या है ? वो भी आपको बता देते है
यमराज की मौत की कथा:-
कालनजर नाम के एक राज्य के राजा का नाम स्वेत था
वो भगवान शिव का अनन्य भक्त था जब वह वृद्ध हो गया तो उसने राज्य को अपने पुत्र को देकर एक गुफा में चला गया और भगवान शिव की उपासना करने लगा
जब राजा स्वेत के मरने का समय आया तो यमराज ने अपने दुतो को स्वेत राजा के प्राण हरण को भेजा पर गुफा के द्वार पर जैसे ही दूत पहुंचे तो भगवान शिव के गण वहा प्रकट हो गए और उन्हें स्वेत के प्राण लेने से मना कर दिया और यम दूतो ओर शिव के गण में युद्ध हुआ
शिव के गण ने यमराज के दूत मृत्युदेव को मार डाला
बाकी बचे यमदूतों ने यमराज को इसकी सूचना दी यमराज खुद युद्ध के लिए आ गया और तब तक शिव के गण कार्तिकेय को भी वहा लेकर आ गए कार्तिकेय और यमराज में युद्ध हो गया
कार्तिकेय ने शक्तिअस्त्र से यमराज को मार डाला
जब ये समाचार सूर्य देव के पास पहुंचा तो सूर्य देव विष्णु भगवान के पास जाकर सारा वर्णन उनको सुनाया तब भगवान विष्णु ने सूर्य देव को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कहा
सूर्यदेव ने भगवान शिव की उपासना करके उन्हें प्रसन्न कर लिया और उनसे कहा कि भगवान शिव यमराज की मौत से प्रथ्वी पर असंतुलन फैल गया है इसलिए यमराज को वापस जिंदा कीजिए
भगवान शिव ने यमुना नदी के जल को महा मर्तुंज्य मंत्र के साथ यमराज के पार्थिव शरीर पर डाला और यमराज फिर से जिंदा हो गए
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